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Hamirpur : हमीरपुर के युवक ने दुनिया की प्रतिष्ठित मेरी क्यूरी फेलोशिप में मारी बाजी

शोध कार्य के लिए मिला पौने दो करोड़ रुपये का अनुदान

स्लोवेनिया सरकार ने भी दिया डेढ़ करोड़ रुपये का प्रस्ताव

पीएचडी करने के बाद डाॅ.सतेन्द्र बंगलौर में है वैज्ञानिक

हमीरपुर : हमीरपुर के छोटे से गांव पारा रैपुरा के एक प्रतिभाशाली शोधकर्ता डॉ सतेंद्र कुमार पुत्र राजा भैया ने विश्व प्रतिष्ठित यूरोपियन मैरी क्यूरी फेलोशिप हासिल करके जनपद को गौरवान्वित किया है।

गौरतलब है कि डॉ सतेंद्र कुमार ने अपने उत्कृष्ट शोध प्रस्ताव के साथ चयनकर्ताओं को प्रभावित किया, जिसे 99 फीसदी का असाधारण स्कोर दिया गया। इस शोधकार्य के लिए डॉ सतेंद्र कुमार को पौने दो करोड़ की अनुदान राशि मिली है। यह शोधकार्य प्रोफेसर मारिया के साथ मिलकर स्पेन में रह कर करना होगा। यह फेलोशिप यूरोपीय संघ द्वारा प्रदान की जाने वाली विश्व की सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रतिस्पर्धी शोध फेलोशिप में से एक है और युवा, होनहार शोधकर्ताओं को कैरियर के शुरुआती चरण में अपना शोध करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

यह उपलब्धि न केवल शोधकर्ता के लिए बल्कि पूरे भारतीय शोध समुदाय के लिए भी गर्व का विषय है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारतीय शोधकर्ता विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और उनके कार्यों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। डॉ सतेंद्र कुमार के अनुसार उन्हें स्लोवेनिया सरकार की तरफ से भी शोधकार्य के लिए डेढ़ करोड़ अनुदान राशि का भी प्रस्ताव मिला है।

एमजीएम कालेज के प्रबंधक डाॅ आलोक पालीवाल ने शनिवार को बताया कि सीएसआईआर-एम्प्री भोपाल से पीएचडी करने के पश्चात् डाॅक्टर सत्येंद्र वर्तमान में बेंगलोर में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने एमजीएम इण्टर कॉलेज सुमेरपुर में तीन साल तक भौतिकी तथा गणित में अध्यापन किया एवं निरंतर विद्यालय परिवार से जुड़े रहे हैं। उनकी सफलता निश्चित रूप से अन्य युवा शोधकर्ताओं को विदेशों में शोध करने और वैज्ञानिक क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी। उनकी इस उपलब्धि पर माँ गीता माहेश्वरी इंटर कॉलेज के प्रबंधक डाॅ. आलोक पालीवाल, उपप्रबंधक डाॅ. पुनीत पालीवाल, प्रधानाचार्य भारत प्रसाद सहित समस्त स्टाफ ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की है।

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