India Ground Report

Dhamtari: समय पर वर्षा नहीं होने से पिछड़ रही खेती, किसानों को वर्षा का इंतजार

धमतरी:(Dhamtari) समय पर वर्षा नहीं होने से धमतरी जिले में खाेती-किसानी पिछड़ रही है (Agriculture is lagging behind)। साधन संपन्न किसान मोटर पंप के सहारे धान की रोपाई कर रहे हैं। वर्षा के सहारे रहने वाले किसानों की धान फसल पानी के अभाव में अब पीले व लाल होने लगे हैं। कुछ किसानों की नर्सरी भी सिंचाई पानी के अभाव में सूखने लगी है। तीन से चार दिनों के भीतर अंचल में अच्छी वर्षा नहीं हुई, तो किसानों की फसल को काफी नुकसान होगा।


आषाढ़ माह के 16 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अंचल में संतोषप्रद वर्षा नहीं हुई है। इस साल पहली बार ऐसा स्थिति है कि बारिश सिर्फ 10 से 15 मिनट तक ही हो रही है, ऐसे में खेतों में पानी नहीं रूक रही है। जबकि आषाढ़ के अधिकांश दिन निकल चुके हैं। वर्षा की संभावना को लेकर बोता धान फसल वाले किसान अपने खेतों में बीज का छिड़काव कर चुके हैं। बीज धान का पौधा बन गया है। समय पर वर्षा नहीं होने की वजह से अब बोता धान के पौधे पीला होकर लाल होने लगा है। समय रहते यदि वर्षा नहीं हुई तो तीन से चार दिनों के भीतर धान के पौधों पर खतरा मंडराएगा। अब किसानों के धान फसल को बारिश होने का इंतजार है, ताकि उनकी प्यास बुझ सके। जिले में 70 से 80 हजार हेक्टेयर पर किसान बोता फसल लेते हैं। नगरी व मगरलोड के 70 प्रतिशत किसान बोता पद्धति से खरीफ सीजन में धान फसल लेते हैं, जो पूरी तरह से मानसून पर निर्भर रहता है। वहीं धमतरी व कुरूद के 60 प्रतिशत किसान भी बोता पद्धति से धान फसल लेते हैं।


अंचल में पर्याप्त बारिश नहीं होने से ऐसे किसानों की चिंता अब बढ़ गई है। इधर तेज धूप और उमस बना हुआ है। 8 जुलाई को तापमान का पारा 32 डिग्री रहा। किसान बंशी साहू, पंकज साहू, अमृत लाल देवांगन समेत कई गांवों के किसानों के बोर पंप खरीफ सीजन के शुरूआती दौर में ही पूरी तरह से बंद हो चुका है। वर्षा नहीं होने के कारण भू जल स्तर अभी तक गर्मी की तरह ही है। बोर पंप बंद होने से नर्सरी भी अब सिंचाई पानी के अभाव में सूखने लगा है। ऐसे प्रभावित किसानों को अब धान फसल बचाने के लिए झमाझम वर्षा होने का इंतजार है।

Exit mobile version