India Ground Report

Dehradun : हीट वेव को लेकर एहतियात बरतने की सलाह, मई और जून में बढ़ सकता है तापमान

देहरादून : उत्तराखंड में हीट वेव को लेकर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। उत्तराखंड में मई के अंतिम सप्ताह और जून प्रथम सप्ताह में तापमान सबसे ज्यादा रहता है। ऊपरी वायुमंडल में नमी की कमी और साफ आसमान हो तो हीट वेव के हालात उत्पन्न होने की संभावना रहती है।

शुक्रवार को हीट वेव की तैयारियों के संबंध में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में हीट वेव से बचाव को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। इस कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया।

कार्यशाला में मौसम केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने हीट वेव के विभिन्न चरणों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अगर मैदानी क्षेत्रों में चालीस डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में तीस डिग्री तक तापमान पहुंच जाता है, तब हीट वेव की परिस्थितियां उत्पन्न होने की संभावना बनती हैं। अगर किन्हीं दो जगहों का तापमान लगातार दो दिन सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री ऊपर, मैदानों में चालीस डिग्री से ऊपर और पहाड़ों में तीस डिग्री से ऊपर रहना चला जाए तो हीट वेव मानी जाती है। उन्होंने बताया कि गर्म हवा की एक स्थान पर लंबे समय तक मौजूदगी, ऊपरी वायुमंडल में नमी की कमी और साफ आसमान हो तो हीट वेव के हालात उत्पन्न होने की संभावना रहती है।

थपलियाल के अनुसार मौसम विभाग कलर कोडेड वार्निंग जारी करता है। इनमें ग्रीन, येलो, आरेंज और रेड अलर्ट जारी किया जाता है। इसके साथ क्या-करें, क्या न करें संबंधी जानकारी भी आम लोगों के लिए साझा की जाती है।

गर्मी से बचना जरूरी, करें यह उपाय

स्वास्थ्य विभाग से डॉ. सुजाता ने अत्यधिक गर्मी से बचने के उपायों के बारे में बताया। गर्मी जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए एहतियात बरतने बहुत जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी लगने से व्यक्ति में अत्यधिक थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, जी मिचलाना, शरीर में ऐंठन, तेज धड़कन, भ्रम की स्थिति आदि लक्षण दिखने लगते हैं। इसके लिए जरूरी है कि खूब पानी पीएं, प्यास न लगी हो तब भी पानी पीते रहें। गर्मी का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर पड़ता है, इसलिए एहतियात जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक घर से बाहर जाने से बचना चाहिए। साथ ही महिलाओं को इस समय खाना बनाने से परहेज करना चाहिए।

पशुओं का भी ख्याल रखना जरूरी है

डॉ. विमलेश जोशी ने बताया कि हीट वेव या अत्यधिक गर्मी से जितना खतरा इंसानों को है, उतना ही खतरा पशुओं को भी होता है, इसलिए उनका ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि धूप में खड़ी कार में बच्चों को न छोड़ें, यह खतरनाक हो सकता है। साथ ही धूप में खड़ी कार में सीधे न बैठें। दरवाजे और खिड़की खोलकर रख दें ताकि कार से हानिकारक गर्म हवा बाहर निकल जाए।

स्कूलों में एक से डेढ़ घंटे के अंतराल में वॉटर बेल बजाई जानी चाहिए

यूएसडीएमए की मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने बताया कि गर्मी से बचने के लिए मौसम विभाग के अलर्ट को सुनना और दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी है। स्कूली बच्चों को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए स्कूलों में प्रत्येक एक से डेढ़ घंटे के अंतराल में वॉटर बेल बजाई जानी चाहिए, ताकि बच्चों को याद रहे कि उन्हें पानी पीना है।

Exit mobile version