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Davos: टेक महिंद्रा के गुरनानी सेवानिवृत्ति के बाद कप्तान की जगह कोच की भूमिका में नजर आएंगे

दावोस: (Davos) टेक महिंद्रा के प्रमुख सी पी गुरनानी आईटी उद्योग (Tech Mahindra chief CP Gurnani IT industry) में लंबे समय तक कप्तानी करने के बाद इस साल दिसंबर में कंपनी से सेवानिवृत्त होने पर ‘कोच’ के रूप में नई पारी खेलना चाहते हैं।

टेक महिंद्रा की नामांकन और पारिश्रमिक समिति ने गुरनानी का कार्यकाल 19 दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया है। इस बीच कंपनी गुरनानी के उत्तराधिकारी की तलाश पूरी करेगी।

उन्होंने उत्तराधिकार योजना के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि आंतरिक उम्मीदवार – जगदीश मित्रा, मनीष व्यास, लक्ष्मणन चिदंबरम इस पद के शीर्ष दावेदारों में शामिल हैं।

जगदीश मित्रा इस समय मुख्य रणनीति अधिकारी और विकास प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। वह पिछले 30 वर्षों से समूह के साथ हैं। व्यास संचार, मीडिया और मनोरंजन व्यवसाय के अध्यक्ष और नेटवर्क सर्विसेज के सीईओ के रूप में कार्यरत हैं। वह पिछले 23 वर्षों से कंपनी के साथ हैं। चिदंबरम टेक महिंद्रा अमेरिका के अध्यक्ष हैं। वह दिसंबर 2012 से कंपनी के साथ हैं।

गुरनानी ने कहा कि कंपनी के कॉरपोरेट प्रशासन नियमों के मुताबिक उत्तराधिकार योजना को समिति द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत लंबे समय से एक ही व्यवसाय में हूं। मैं 38 साल की उम्र में सीएक्सओ बन गया और अब 65 साल की उम्र में पद छोड़ रहा हूं। मैं बस इतना कहना चाह रहा हूं कि मैं खेल में बहुत लंबे समय तक एक कप्तान रहा हूं। अब मैं कोच बन जाऊंगा। मैं अब खेलने वाला कप्तान नहीं रहूंगा।’

गुरनानी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह दुनिया के दूसरे पक्ष को देखना चाहेंगे और उन चीजों को आगे बढ़ाना चाहेंगे जो उनके दिल के करीब हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सीईओ में से एक हूं। मुझे लगता है कि यह सही होगा कि मुझे यह देखने का मौका मिले कि दुनिया का दूसरा पक्ष कैसा दिखता है। मैं यात्रा के बारे में बात नहीं कर रहा हूं। मैं उन चीजों की बात कर रहा हूं, जो मैं हमेशा जीवन में करना चाहता था। कंपनी के लिए भी यह अच्छा है कि हमें एक नया नेतृत्व मिले।’

गुरनानी ने कहा कि टेक महिंद्रा जापान और यूरोप में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना जारी रखेगी। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा से जापान का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। मैं जापान में और अधिक मजबूत व्यावसायिक हित कायम करना जारी रखूंगा। स्पष्ट रूप से, मुझे लगता है कि यूरोप अब एक बड़ा अवसर है।’

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