Chhatrapati Sambhajinagar : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मधुभाई कुलकर्णी का निधन

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प्रधानमंत्री मोदी को राजनीति में लाने में था मधुभाई का अहम योगदान
छत्रपति संभाजीनगर : (Chhatrapati Sambhajinagar)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मधुभाई कुलकर्णी (Senior RSS pracharak Madhubhai Kulkarni) का गुरुवार को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे और उम्रजनित समस्याओं के कारण कुछ समय से अस्पताल में भर्ती थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राजनीति में लाने में कुलकर्णी की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।संघ के प्रचार विभाग के मुताबिक कुलकर्णी का जन्म 17 मई 1938 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ (Kulkarni was born on May 17, 1938, in Kolhapur, Maharashtra) था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा चिकोडी में हुई। बाल्यकाल से ही उनका संपर्क राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रहा। वे संघ की शाखाओं में नियमित रूप से भाग लेते थे। उन्होंने 1954 में कोल्हापुर से 10वीं कक्षा पास की और फिर मुंबई में कॉलेज की पढ़ाई के लिए गए। बीए और बीएड की डिग्री हासिल करने के बाद कुछ समय तक उन्होंने सेल्स टैक्स विभाग में काम किया, लेकिन फिर संघ कार्य में सक्रिय रूप से भाग लेने का निर्णय लिया।

वर्ष 1962 में संघ के प्रचारक के रूप उनको जलगांव भेजा गया। इसके बाद उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर में जिला प्रचारक, सोलापुर में विभाग प्रचारक और पुणे में महानगर प्रचारक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 1984 से 1996 तक वे गुजरात प्रांत के प्रचारक रहे, जहां उन्होंने संघ कार्य के विस्तार में अहम भूमिका निभाई। मधुभाई 1996 से 2003 तक पश्चिमी भारत के प्रचारक रहे। वर्ष 2003 से 2009 तक अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख के रूप में कार्य किया।

गुजरात में प्रांत प्रचारक रहते हुए मधुभाई कुलकर्णी का नरेन्द्र मोदी से संपर्क (While serving as a provincial pracharak in Gujarat, Madhubhai Kulkarni came into contact with Narendra Modi) हुआ। संघ कार्य के दौरान मोदी ने उनसे सेवा कार्य के कई महत्वपूर्ण पाठ सीखे थे। पिछले कुछ वर्षों से वे वृद्धावस्था के कारण छत्रपति संभाजीनगर में रह रहे थे और हाल ही में उनकी तबीयत बिगड़ी थी, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत (RSS chief Dr. Mohan Bhagwat) ने दो सप्ताह पहले मधुभाई कुलकर्णी से मिलकर उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली थी। अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर छत्रपति संभाजीनगर कार्यालय में रखा गया है। उन्होंने देहदान का संकल्प लिया था। उनका पार्थिव शरीर रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, आरके दमाणी मेडिकल कॉलेज को सौंपा (He had pledged to donate his body. His body will be handed over to the Ramachandra Institute of Medical Sciences, RK Damani Medical College) जाएगा।