India Ground Report

CHENNAI/NEW DELHI : तमिलनाडु के 20 धर्माध्यक्ष नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में होंगे शामिल: सीतारमण

चेन्नई/नई दिल्ली:(CHENNAI/NEW DELHI) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए तमिलनाडु के 20 आदिनम (धर्माध्यक्ष) को आमंत्रित किया गया है, जो यहां ‘सेंगोल’ को स्थापित करने में अपनी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ‘सेंगोल’ दिया गया था।

सीतारमण ने गुरुवार को यहां तमिलनाडु, तेलंगाना और नागालैंड के राज्यपालों के साथ एक प्रेसवार्ता में उक्त बातें कहीं। वित्त मंत्री ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री को ‘सेंगोल’ सौंपे जाने की घटना तमिलनाडु के लिए बेहद खास है। उद्घाटन समारोह के लिए तिरुवदुथुरई, पेरूर और मदुरै सहित तमिलनाडु के 20 आदिनाम को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है।

इसी संदर्भ में वित्त मंत्री ने कहा कि आदिनम की सलाह पर 1947 में अंग्रेजों से भारत के लोगों के लिए सत्ता स्थानांतरण किया गया था। राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास बहुत श्रद्धा के साथ स्थापित किया जाएगा। यह ‘बिना किसी पक्षपात के न्यायपूर्ण शासन’ का प्रतीक होगा। दरअसल तमिल में आदिनम शब्द एक शैव मठ और ऐसे मठ के प्रमुख दोनों को संदर्भित करता है।

उन्होंने विपक्षी दलों की ओर से नए संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने पर कहा कि यह लोकतंत्र का मंदिर है, यहां तक कि प्रधानमंत्री भी इसके कदमों पर झुककर संसद में प्रवेश करते हैं। मैं विपक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि कृपया पुनर्विचार करें और समारोह में हिस्सा लें।इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, उनके तेलंगाना व नागालैंड के समकक्ष क्रमशः तमिलसाई सुंदरराजन और ला गणेशन, केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन और तमिलनाडु के मंत्री पीके सकेर बाबू भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद सत्ता हस्तानांतरण की प्रक्रिया के सिलसिले में नेहरू ने ‘राजाजी’ के नाम से लोकप्रिय पहले भारतीय गवर्नर जनरल सी आर राजगोपालाचारी से चर्चा की थी। इसके बाद राजाजी ने इस संबंध में शैव संत तिरुवदुथुरई आदिनम से चर्चा की, जिसके बाद उनकी सलाह पर सत्ता हस्तानांतरण के लिए ‘सेंगोल’ तय किया गया।

Exit mobile version