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Chandigarh : पंजाब कांग्रेस का विस से बहिर्गमन, शिअद ने कहा-अमृतपाल के खिलाफ रासुका लगाना गलत

चंडीगढ़ : अलगाववादी अमृतपाल सिंह पर पुलिस की कार्रवाई के बीच, कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को पंजाब में कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर विधानसभा से बहिर्गमन किया, जबकि अकाली दल ने मामले में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने की निंदा की।

बजट सत्र के अंतिम दिन जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्ष के नेता व कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने अध्यक्ष से उनकी पार्टी द्वारा कानून-व्यवस्था पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव के बारे में पूछा।

विधानसभा अध्यक्ष कुल्तार सिंह संधवान ने बताया कि प्रस्ताव नामंजूर कर दिया गया है। इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के विधायक आसन के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करने लगे और बाद में सदन से बहिर्गमन किया।

बाद में शून्यकाल के दौरान, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने कहा कि राज्य में ‘‘आतंक का माहौल’’ बना दिया गया है। उनका इशारा अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की ओर था।

गौरतलब है कि शनिवार को पंजाब पुलिस द्वारा अमृतपाल और उसके संगठन के सदस्यों के खिलाफ चलाए गए विस्तृत अभियान के बाद से अलगाववादी अमृतपाल फरार है जबकि उसके कुछ सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पंजाब पुलिस की एक टीम बुधवार को अमृतसर जिले में स्थित अमृतपाल सिंह के पैतृक गांव जल्लुपुर खेड़ा पहुंची और उसके परिवार के सदस्यों से मिली।

सदन के भीतर कांग्रेस नेता बाजवा ने कानून-व्यवस्था पर पार्टी के स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर किए जाने को ‘गलत’ बताया। बाजवा ने अध्यक्ष से कांग्रेस सदस्यों को इस मुद्दे पर बोलने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया, जिस पर अध्यक्ष ने जवाब दिया, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण है… पंजाब की जनता यह बर्दाश्त नहीं करेगी। जनता आपको देख रही है।’’

इसके बाद कांग्रेस के सदस्य यह दावा करते हुए सदस्यों के निकास के पास एक कमरे में चले गए कि एक “बाहरी” मौजूद है, लेकिन उन्हें विधानसभा के कर्मचारियों ने रोक दिया।

इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए अध्यक्ष ने कहा कि कर्मचारियों को उनके कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने की कोशिश करने वालों के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।

शून्यकाल के दौरान शिअद विधायक अयाली ने आरोप लगाया कि कई सिख युवाओं को ‘‘फर्जी मामलों’’ में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जो रासुका लगाया गया है, मैं समझता हूं कि वह पूरी तरह गलत है।’’

उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति फिर चाहे वह अमृतपाल सिंह हो या कोई और, जिसने गलती की है, उसके खिलाफ कानून के दायरे में रहते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।

राज्य सरकार ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया था कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ रासुका लगाया गया है।

अयाली ने पुलिस कार्रवाई के मद्देनजर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित करने की भी आलोचना की।

शिअद विधायक ने कहा कि देश और विदेश में रहने वाले सिख पंजाब के मौजूदा हालात को लेकर चिंतित हैं। पुलिस कार्रवाई की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए अयाली ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के युवाओं सहित कई निर्दोष सिख युवाओं को पिछले कुछ दिनों में पकड़ा गया है। उन्होंने ‘निर्दोष सिखों’ को रिहा करने की मांग की।

भारतीय जनता पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष व विधायक अश्वनी शर्मा ने शिअद विधायक अयाली द्वारा ‘सिख’ शब्द के उपयोग पर आपत्ति करते हुए कहा कि सिख एक बहादुर कौम है। हालांकि, उन्होंने कहा कि निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

अमृतपाल सिंह की आलोचना करते हुए शर्मा ने कहा कि अलगाववादी ने कहा था कि वह भारत का निवासी नहीं है और वह देश के संविधान और कानून में विश्वास नहीं रखता।

अमृतपाल के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के संदर्भ में पठानकोट से भाजपा विधायक ने इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी कार्रवाई कर रही है वह कठोर होनी चाहिए।

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