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ब्राउनिंग का पत्र बैरट के नाम

ब्राउनिंग, विश्वप्रसिद्ध रोमांटिक कवि, जिन्होंने अंग्रेजी कविता को नए आयाम दिए। उनकी प्रेमिका एलिजाबेथ बैरेट भी अपने समय की चर्चित कवयित्री थीं। दोनों की कविताएं ही नहीं प्रेमपत्र भी बहुत प्रसिद्ध हुए।

तुम पछतावा तो नहीं करोगे

शनिवार, 1 बजे
12.9.1846

प्रिय,
तुम थोड़े-से ही शब्दों की उम्मीद करोगी, पर वे होंगे क्या? जब दिल लबालब भरा होता है, तो वह बह निकलता है, असल में भरा हुआ दिल छलकता नहीं। कल तुमने मुझसे पूछा, ‘तुम पछतावा तो नहीं करोगे?’ हां, मेरी बै, काश कि वह अतीत वापस लौट सकता और मैं बाहरी प्रेम-प्रदर्शन से अपनी आंतरिक भावना को कुछ और पुष्ट कर सकता। जो कुछ मैंने अब तक कहा है, वह बहुत ही कम है और मेरे पहले प्यार की ज़रूरत को पूरा नहीं करता और जब मैं इस अपर्याप्त प्रेम का खयाल करता हूं, तो पछताना तो मुझे चाहिए ही !
शब्दों को किसी तरह भी गढ़ लूं, उनकी कायापलट कर लूं… वे तुम्हें नहीं बता सकते कि तुम मुझे कितनी अधिक प्रिय हो… कितनी मेरे हृदय और मेरी आत्मा को तुम पूरी तरह प्यारी हो ! जब मैं बीते दिनों पर नज़र डालता हूं, तो तुम्हारे हर शब्द, हर अंदाज़, हर पत्र और प्रत्येक चुप्पी पर हर दृष्टि से विचार करने के बाद तुम मुझे इतनी पूर्ण लगती हो कि तुम्हारे एक शब्द और एक दृष्टिपात को भी मैं बदलना नहीं चाहूंगा… मेरा लक्ष्य और मेरी उम्मीद इस प्यार को बनाए रखने की है, इसे छोड़ने की नहीं। मेरा विश्वास है कि वे भगवान, जिन्होंने यह प्यार मुझे दिया है, मेरी सहायता करेंगे और मैं निस्संदेह इसको इसी प्रकार बनाए रख सकूंगा । मेरी प्रियतमा, सबसे प्यारी बै, यह बहुत काफी है।
तुम मुझे प्रेम का महानतम, पूर्णतम वह प्रमाण दे चुकी हो जो कि एक मानव दूसरे को दे सकता है। मैं कितना अहसानमंद हूं! मुझे तुम पर कितना गर्व है कि तुमने मेरे जीवन को इस प्रकार अलंकृत किया है। तुम्हारा अपना रॉबर्ट प्रार्थना करता है कि भगवान तुम पर अपनी कृपा करें। मैं कल निश्चय ही लिखूंगा। मेरे जीवन का पूरा ध्यान रखना। यह तुम्हारे प्यारे नन्हे हाथों में है। मेरी प्यारी! अपने मन को स्थिर रखो।

तुम्हारा ब्राउनिंग

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