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Brisbane : हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को भारत के साथ सहयोग करेंगे ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका

ब्रिसबेन : अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भारत के साथ सहयोग करेंगे। ब्रिसबेन में 33वें ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका मंत्रिस्तरीय परामर्श में दोनों देशों ने कई अभ्यासों के माध्यम से प्रशांत क्षेत्र की सेनाओं के साथ अंतर-क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन के साथ ऑस्ट्रेलियाई उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मंत्री पेनी वोंग ने वार्ता के दौरान हिंद प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इसके लिए भारत, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और कोरिया के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई गई। बैठक के दौरान फिजी, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी और टोंगा की पहली बार अभ्यास तालिस्मान सबरे 2023 में भागीदारी के साथ-साथ उद्घाटन पर्यवेक्षकों के रूप में भारत, सिंगापुर, थाईलैंड और फिलीपींस का स्वागत किया गया।

दोनों देशों ने पारंपरिक रूप से सशस्त्र, परमाणु संचालित पनडुब्बी क्षमता के ऑस्ट्रेलियाई अधिग्रहण और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा की रक्षा के लिए उन्नत क्षमताओं के विकास की दिशा में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौते के तहत प्रगति का स्वागत किया। ऑस्ट्रेलिया शुरू में अमेरिका से तीन वर्जीनिया श्रेणी की परमाणु संचालित हमलावर पनडुब्बियां खरीदेगा। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया दोनों एसएसएन-एयूकेयूएस पनडुब्बियों को प्राप्त करेंगे, जिसमें ब्रिटिश उत्पादन ऑस्ट्रेलिया की तुलना में थोड़ा पहले शुरू होगा।

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