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Bollywood: प्रधानमंत्री बनने की इच्छा के सवाल पर कंगना रनौत ने दिया मजेदार जवाब

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत हमेशा चर्चा में रहती हैं। कभी अपनी फिल्मों को लेकर तो कभी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर। उनकी तीनों फिल्में ”धाकड़”, तेजस और चंद्रमुखी-2 बॉक्स ऑफिस पर सुपरफ्लॉप रहीं। अब कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ जल्द ही दर्शकों के सामने आने वाली है। इस फिल्म का सभी को बेसब्री से इंतजार है। ऐसे में कंगना का एक बयान चर्चा में है कि वे भारत की प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखती हैं।

कंगना रनौत इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ के प्रमोशन में व्यस्त हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में प्रश्न पूछा गया कि क्या वह देश की प्रधानमंत्री बनना चाहती थीं। एक्ट्रेस ने जो जवाब दिया उसने सभी का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि ”मैं इमरजेंसी नामक एक फिल्म कर रही हूं। इस फिल्म को देखने के बाद कोई भी मुझे प्रधानमंत्री नहीं देखना चाहेगा।”

फिल्म ‘इमरजेंसी’ काल पर बनी है। इसमें 25 जून 1975 को देश में शुरू हुए आपातकाल के हालात को दिखाया जाएगा। इस फिल्म का निर्देशन खुद कंगना रनौत ने की है।फिल्म में वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में नजर आएंगी। श्रेयस तलपड़े भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका में नजर आएंगे। अनुपम खेर प्रमुख समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण की भूमिका निभाएंगे। अब संजय गांधी के किरदार में एक्टर विसाक नायर नजर आएंगे।

राजनीति में उतरेंगी कंगना

देश में 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आने के बाद से भाजपा के हर रुख का खुलकर समर्थन करने वाली एक्ट्रेस कंगना अब चुनाव मैदान में उतरने जा रही हैं। ”कंगना के भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी। कंगना के पिता ने कहा था कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगी इसका फैसला पार्टी करेगी।

कंगना रनौत ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने देश के लिए बहुत कुछ किया है और आज भी वह देश को एकजुट रखने के लिए काम कर रहा है। मेरी विचारधारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मिलती जुलती है। मैं इस देशभक्त संगठन की कार्यप्रणाली से प्रभावित हूं। उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने के बाद आरएसएस के तहत प्रशिक्षित लोगों ने जो काम किया, वह 70 साल में नहीं हो सका। कुछ दिन पहले उन्होंने यह भी कहा था कि देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद ही देश को सच्ची आजादी मिली।

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