भोपाल : मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बुरहानपुर में 15 साल पहले हुए अग्निकांड में जली दुकानों का मुआवजा नहीं मिलने पर संज्ञान लिया है। मामले में संज्ञान लेकर आयोग ने कलेक्टर, बुरहानुपुर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बुरहानपुर शहर में मस्जिद के समीप वर्ष 2008 में हुये अग्निकांड में जिन 86 सिंधी कारोबारियों की दुकानें पूरी तरह से जल गईं थीं, आज तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है। घटना को घटे हुये 15 साल से अधिक समय हो चुका है, जो कि अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सिंधी महासभा के अध्यक्ष ने बताया कि उस समय से ही अग्निकांड के षडयंत्र का पर्दाफाश करने की मांग सरकार से की जाती रही है। इसी तरह की घटना वर्ष 1992 में भी घटित हो चुकी है, जिसके बाद इसमें किन्हीं शरारती लोगों के हाथ होने की आशंका तभी से व्यक्त की जा रही है।
विदिशा में चौथी बार वनकर्मियों पर हमला
विदिशा जिले के शमशाबाद के ग्राम जीरापुर में बीते शनिवार को वन विभाग की टीम अतिक्रमण हटाने के लिये गई थी। वन विभाग की करीब 100 बीघा जमीन पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान लगभग 150 अतिक्रमणकारियों ने वन विभाग की टीम पर पत्थरों और लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिसमें रेंजर सहित नौ वनकर्मी घायल हो गये। यह घटना पिछले साल भर के अंदर चौथी बार हुई है। शमशाबाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।