बरासात : (Barasat) पश्चिम बंगाल के बरासात (Barasat, West Bengal) स्थित अदालत ने मंगलवार को स्वर्ण व्यापारी स्वपन कामिल्या हत्याकांड (Sajal Sarkar, an expelled Trinamool Congress leader) में गिरफ्तार और तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित नेता सजल सरकार की जमानत याचिका खारिज कर दी।
उन्हें 13 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह तृणमूल के कूचबिहार दो नम्बर ब्लॉक के अध्यक्ष रह चुके हैं। अदालत में सार्वजनिक अभियोजक ने बताया कि सजल सरकार के खिलाफ पहले भी मामला दर्ज था, जिसकी संबंधित जानकारी अदालत को दी गई। इसके अलावा, 28 अक्टूबर को हुई हत्या के दिन घटनास्थल पर उनकी मौजूदगी के प्रमाण भी अदालत में पेश किए गए। इन साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
अभियोजन पक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि राजगंज के बीडीओ प्रशांत बर्मन (Rajganj BDO Prashant Barman) ने अंतरिम जमानत मिलने के बाद मृतक व्यापारी की पत्नी पर मामले को वापस लेने का दबाव डाला। वर्तमान में बीडीओ ओडिशा (BDO is currently in Odisha)में हैं। कथित रूप से उन्हें बंगाल लौटने की धमकियां भी मिल रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, स्वर्ण व्यापारी की हत्या में नाम आने से पहले भी सजल सरकार पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप थे। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। बाद में हत्याकांड में नाम आने के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
हाल ही में बिधाननगर पुलिस ने कोलकाता उच्च न्यायालय (Kolkata High Court) में याचिका दायर कर राजगंज बीडीओ प्रशांत बर्मन (Rajganj BDO Prashant Barman) को मिली अग्रिम जमानत को चुनौती दी। पुलिस का आरोप है कि बीडीओ ने जमानत पाने के लिए नकली दस्तावेज जमा किए।
28 अक्टूबर को स्वर्ण व्यापारी स्वपन कामिल्या को चोरी से जुड़ी पूछताछ के बहाने एक नीली बत्ती लगी कार में दत्ताबाद क्षेत्र के एक सोने की दुकान से उठाया गया। बाद में परिवार ने बिधाननगर दक्षिण थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। उसी दिन न्यूटाउन के जात्रागाछी क्षेत्र में शव मिलने की सूचना मिली। परिवार ने तस्वीर देखकर शव की पहचान की इसके बाद पुलिस ने अपहरण और हत्या का मामला दर्ज किया। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि बीडीओ प्रशांत बर्मन ने व्यापारी का अपहरण कर उसकी हत्या करवाई, और पूरी घटना उन्हीं की योजना थी।
जांच में पुलिस ने बीडीओ के चालक राजू धाली, बीडीओ के करीबी दोस्त तूफ़ान थापा, तृणमूल नेता सजल सरकार और उनके भाई विवेकानंद सरकार सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
हत्या के बाद कथित रूप से सरकारी नीली बत्ती लगे वाहन में शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की गई, जिससे बीडीओ की भूमिका पर संदेह और गहरा गया।



