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Araria: सावन माह की दूसरी सोमवारी को सोमवती अमावस्या को लेकर विशेष पूजा अर्चना

अररिया:(Araria) सावन मास की दूसरी सोमवारी को जिले के विभिन्न मंदिरों और शिवालयों में स्थापित शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।सुबह से ही मंदिर के पट के खुलते ही पूजा अर्चना की शिव भक्तों में होड़ मच गई।दरअसल आज अमावस्या है और सावन के सोमवार को लगने वाले अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाता है और इस दिन का शास्त्रों में विशेष महत्व है।जिसको लेकर मंदिरों में सोमवती अमावस्या को लेकर विशेष पूजा अर्चना की गई।पूरा मंदिर परिसर हर हर महादेव और बोलबम के नारों से गूंज उठा।

जिले के कुर्साकांटा स्थित सुंदरनाथधाम शिव मंदिर,मदनपुर स्थित मद्नेश्वरनाथ शिवधाम,रानीगंज के बसेटी स्थित इंद्रमतेश्वरनाथधाम मंदिर,अररिया के ठाकुरबाड़ी स्थित शिव मंदिर,फारबिसगंज के शिवालय,श्रीपंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग,सुभाष चौक स्थित शिव मंदिर सहित जिले के सभी मंदिरों और शिवालयों में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है और पूरा इलाका देवों के देव भगवान महादेव की भक्ति में सराबोर है।

सीमांचल के नामचीन पंडित एवं शास्त्रों के ज्ञाता ज्योतिषाचार्य पतंजलि शर्मा उर्फ बंटी बाबा ने बताया कि श्रावण मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या या सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है। रविवार सूर्य देवता कों समर्पित दिन है,भगवन सूर्य को जगत की आत्मा या पिता का कारक भी माना जाता है।अतः इस दिन अमावस्या पड़ने का अर्थ है की यह दिन इनसे सम्बन्धित दोषो को दूर करने के लिए उत्तम है।हमारे शास्त्रो में सूर्य और चंद्रमा को ही दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टो का कारक माना जाता है,अतः यह पूरे वर्ष में एक या दो बार ही पड़ने वाले पर्व का बहुत अधिक महत्त्व माना जाता है।विवाहित स्त्रियों के द्वारा इस दिन पतियों की दीर्घ आयु के लिये व्रत का विधान है।

उन्होंने बताया कि इस दिन पवित्र नदियो में स्नान,ब्राह्मण भोज,गौ दान, अन्नदान,वस्त्र,स्वर्ण आदि दान का विशेष महत्त्व माना गया है। मां शिव-पार्वती एवं तुलसी की विधिवत पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है और सारे कष्ट दूर होते हैं।भगवान् शिव पर बेलपत्र, बेल फल,मेवा,मिठाई,जनेऊ का जोड़ा आदि चढ़ा कर ॐ नमः शिवाय की 11 माला करने से असाध्य कष्टो में भी कमी आती है।सूर्योदय के समय सूर्य को जल में लाल फूल,चन्दन डाल कर गायत्री मन्त्र जपते हुए अर्घ देने से दरिद्रता दूर होती है।सोमवती अमावस्या को तुलसी के पौधे की ॐ नमो नारायणाय जपते हुए 108 बार परिक्रमा करने से दरिद्रता दूर होती है।

जिन लोग का सूर्य कमजोर है।गाय को गुड़ में पकाए गेंहू और चांवल खिलाने से उन्हें मानसिक शांति मिलती है।

बहरहाल सावन माह के दूसरे सोमवारी को लेकर शिव भक्तों में उत्साह चरम पर है।जिला प्रशासन की ओर से भी विधि व्यवस्था संधारण को लेकर पुलिस अधिकारियों और बलों के साथ मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति विभिन्न प्रमुख मंदिर और शिवालय में की गई है।

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