
अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए युवाओं में कौशल विकास को अहम बताते हुए कहा कि उनकी सरकार समाज के सभी वर्गों तक इसके लाभ को पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने गुजरात सरकार की तरफ से गांधीनगर में आयोजित एक रोजगार मेले को सोमवार को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ढांचागत एवं विकास परियोजनाओं के जरिये और विनिर्माण को बढ़ावा देकर रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा करने पर ध्यान दे रही है। इसके अलावा आजादी के बाद से नजरअंदाज किए गए क्षेत्रों को भी तवज्जो दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश को दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था की जगह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए युवाओं को कुशल बनाना होगा। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए कुशल श्रमशक्ति की जरूरत पर बल दिया।
मोदी ने कहा, ‘‘देश में पैदा हो रहे नए अवसरों के लिए हमें बड़े पैमाने पर कुशल श्रमशक्ति की जरूरत है। भारत अपने युवाओं को कुशल बनाकर ही दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल कर सकता है।’’
भारत इस समय दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम कोशिश कर रहे हैं कि कौशल विकास का लाभ समाज के हरेक तबके तक पहुंचे, चाहे वे दलित, आदिवासी या महिलाएं हों। हम इस प्रयास में हैं कि सभी लोगों को आगे बढ़ने का समान अवसर मिल पाए।’’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के विकास संबंधी समग्रतावादी दृष्टिकोण से देश में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सभी विभाग राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राज्य सरकारों के साथ मिलकर अधिकतम युवाओं को रोजगार देने की कोशिश में लगे हुए हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में पिछले कुछ साल में ‘रोजगार विभाग’ के जरिये करीब 18 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने पिछले पांच साल में करीब डेढ़ लाख सरकारी नौकरियां भी दी हैं। वर्ष 2023 में भी 25,000 सरकारी नौकरियां देने की योजना है।’’
गांधीनगर के महात्मा मंदिर सम्मेलन केंद्र में आयोजित रोजगार मेले में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे। इस दौरान करीब 2,500 युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के पत्र सौंपे गए।