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रोजाना एक कविता : आज पढें आयुष चतुर्वेदी की कविता प्रेम कहानियाँ

 प्रेम कहानियाँ

बहुत-सी प्रेम कहानियां
मर जाती हैं जातियों के तले दबकर
जातियां हंसती हैं और
खिलखिला कर कहती हैं
लो मैंने तुम्हें मार दिया
और प्रेम अपनी आख़िरी सांस तक
एक फ़ीके जोश के साथ कहता है
जातियों ! एक दिन उठूंगा मैं
और दबा दूंगा तुम्हें गहरा, बहुत गहरा
प्रेम और जाति के इस अंतर्द्वंद्व में
दो प्रेमी भी होते हैं
जिनकी शादियां हो जाती हैं
अपनी-अपनी जातियों में

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