India Ground Report

रोजाना एक कविता: आज पढ़िए अनीता कपूर की कविता ‘आँगन’

https://indiagroundreport.com/wp-content/uploads/2021/12/kav-kav-kavita.mp3

आँगन बंटें,
मैं हमेशा चुप रही
मकान बोलता रहा।
खबरें उड़ी,
मैं सुनती रही
चेहरे अख़बारों जैसे थे।
खामोशी सिसकी,
कान सुनते रहे
दोस्तों ने दुश्मनों से
जुबां बदल ली थी।
रात रोयी और,
सड़कें नाचीं थी
कमबख़्त
थके सन्नाटों ने
शोर मचा दिया था,
वो आँगन बंटने
से लेकर आज तक
साथ जो थे।

Exit mobile version