
ख़ाली पन्नो को सार्थक बनानेवाले ‘लेखक’ पिता को समर्पित:
आप
किताब,
तो
मैं पन्ना…
पापा,
मुझे
आपके
जैसा ही
है बनना।
आशिमा नीलेश जैन
मुंबई

ख़ाली पन्नो को सार्थक बनानेवाले ‘लेखक’ पिता को समर्पित:
आप
किताब,
तो
मैं पन्ना…
पापा,
मुझे
आपके
जैसा ही
है बनना।
आशिमा नीलेश जैन
मुंबई