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माँ के विदाई पर क्यों किया जाता है सिन्दूर उत्सव,आइये जानते हैं
बंगाली समुदाय की महिलाएं धूमधाम से खिंदूर खेला का उत्सव मनाती हैं और घर आईं मां दुर्गा की विदा करती हैं।
आइए जानते हैं आखिर क्यों और कैसे मनाया जाता है सिंदूर खेला उत्सव
इस दिन सुहागिन मां से सिंदूर की होली खेल कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
यह उत्सव मां की विदाई के रूप में मनाया जाता है।
इस उत्सव में केवल सुहागन महिलाओं को शामिल किया जाता है
सिंदूर उत्सव के दौरान माता के गालों से पान के पत्तों का स्पर्श किया जाता है, इसके बाद सिंदूर से उनकी मांग को भरा जाता है
सभी महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं और लंबे सुहाग की कामना करती हैं।
मान्यता है कि मां दुर्गा नवरात्रि के दौरान मायके आती हैं और 10 दिन रुकने के बाद फिर वापस सुसराल जाती हैं।
मां के रुकने के उपलक्ष्य में दुर्गा पूजा के उत्सव मनाया जाता है।