आने वाली है संकष्टी चतुर्थी गणपति हरेंगे आपके सारे विघ्न-बाधाएं
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में।
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।
हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शांति बनी रहती है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत : सोमवार, 2 अक्टूबर 2023चतुर्थी तिथि : 2 अक्टूबर, शाम 7:36 बजे से 3 अक्टूबर की सुबह 6:11 बजे तकचन्द्रोदय समय : 2 अक्टूबर, रात्रि 8:05 बजे
इस दिन प्रात:काल स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
फिर गणेश जी को मोदक, दूब, लड्डू, पुष्प आदि अर्पित करते हुए उनकी विधिवत आराधना करें। शाम को चंद्रोदय के बाद पूजा की जाती है।
इस दिन दुर्गा जी की पूजा बहुत जरुरी मानी जाती है।
शाम के समय संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा भी सुनना चाहिए। इसके बाद आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।
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