आप भी जान लीजिये कांवड़ यात्रा से जुड़ी ये जरुरी नियम

भगवान शिव के प्रिय महीने सावन में निकलने वाली कावड़ यात्रा में भक्त पवित्र गंगा जल लेने जाते हैं और फिर उससे महादेव का जलाभिषेक करते हैं।

हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन 59 दिनों का होगा और इस बार सावन माह में 8 सोमवार पड़ेंगे। ऐसा श्रावण मास 19 वर्षों के बाद आया है।

कांवड़ यात्रा में बाहरी स्वच्छता के साथ साथ मन की निर्मलता का होना भी बहुत जरूरी है। यात्रा के समय मन साफ़ रखें। क्रोध-विवाद से बचें।

कांवड़ यात्रा में बाहरी स्वच्छता के साथ साथ मन की निर्मलता का होना भी बहुइस दौरान जितना हो सके उतना बोल बम और जय शिव-शंकर के जयकारे लगाएं। आप शिव मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।

कावड़ियों को किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इस दौरान मांस, मछली, अंडा का सेवन न करें।

यात्रा के दौरान देखा जाता है कि कुछ लोग कांवड़ को अपने सिर के ऊपर रख लेते हैं, मगर शास्त्रों में ऐसा करने की मनाही है।

कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए नियमों का पालन करने से ज्यादा महत्वपूर्ण भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था को बनाये रखना है।